प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को बहुप्रतीक्षित नया संसद भवन देश को समर्पित करेंगे, जो देश के विकास को आधुनिकता से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास होगा.
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क्या होगा खास?
क्या होगा खास?
संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही सांगोल को स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा।
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संगोल क्या है?
सांगोल भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक है जो अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को तमिल ब्राह्मणों द्वारा भेंट किया गया था।
सांगोल भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक है जो अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को तमिल ब्राह्मणों द्वारा भेंट किया गया था।
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प्रक्रिया क्या होगी?
स्वतंत्रता के प्रतीक संगोल को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संसद भवन के उद्घाटन के दिन स्पीकर की कुर्सी के पास स्थापित किया जाएगा.
स्वतंत्रता के प्रतीक संगोल को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संसद भवन के उद्घाटन के दिन स्पीकर की कुर्सी के पास स्थापित किया जाएगा.
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क्यों खास है संगोल?
सांगोल चोल साम्राज्य की एक परंपरा रही है, जब भी कोई राजा राजा बनता है तो धार्मिक दंड के रूप में उसे सांगोल दिया जाता है।
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संगोल का अर्थ क्या है?
संगोल तमिल भाषा के शब्द सेम्मई का रूपांतर है जिसका अर्थ है धर्म,सत्य और निष्ठा